सोमवार, 14 फ़रवरी 2011

विद्यार्थियों के लिए (२): परीक्षा में पेनों के रंग का प्रयोग

प्रिय विद्यार्थी,

यह लेख आपके लिए महत्वपूर्ण है यदि आप परीक्षा में एक से अधिक रंग के पेनों का प्रयोग करने वाले हैं तो, मैंने अक्सर ऐसा देखा है कि कुछ विद्यार्थी खास तौर पर लड़कियां एक से अधिक रंग का प्रयोग करती हैं, काला तथा नीला, बड़े जतन से कॉपी को सजातीं हैं और घड़ी-घड़ी पेन बदलती रहतीं हैं, और वही लड़कियां पेपर खत्म होने के अंतिम क्षणों में कॉपी पर घसीटा मारती हुई नजर आतीं हैं, क्यूंकि अभी काफी पेपर रह गया है और समय खत्म हो चुका है :)

विद्यार्थियों, आपको क्या लगता है क्या अध्यापक आपकी कॉपी पर रंग देखने के लिए आता है? यदि उसको रंग ही देखने हों तो वो किसी चित्रकार की चित्र प्रदर्शिनी देखने नहीं जायेगा ? 

आप सोचिये कि आप एक अध्यापक हैं और आपको किसी की कॉपी जांचने की जिम्मेदारी दी गयी है, रुकिए, ये जिम्मेदारी सिर्फ एक कॉपी को जांचने की नहीं है बल्कि ६ घंटे में १०० कॉपी जांचने की जिम्मेदारी है - तो आप जरा हिसाब लगाएं कि आपको एक कॉपी जांचने के लिए कितना समय मिला है? 

जी हाँ, ३ मिनट से भी कम का समय तो इस तीन मिनट में आप एक कॉपी में (जिसमे २० से ज्यादा सवालों के जबाब हैं) क्या देखेंगे? विद्यार्थी ने किन-किन रंगों का प्रयोग किया है या फिर उत्तर सही हैं या नहीं?

जाहिर है सिर्फ आप उत्तर देखेंगे ना कि रंगों को देखते रहेंगे, अब दूसरे तरीके से सोचते हैं मान लिया कि उत्तर गलत है तो आप क्या विद्यार्थी को रंगों के नंबर देंगे? नहीं ना !! पर यदि उत्तर सही है और विद्यार्थी ने रंगों का प्रयोग नहीं किया है तो क्या आप उसके नंबर काट लेंगे? नहीं ना!!

फिर क्यूँ व्यर्थ में अलग अलग रंगों का प्रयोग कर के आप अपना समय बर्बाद करते हैं? क्यूँ नहीं आप सिर्फ एक ही पेन का प्रयोग करते हैं जहाँ हेडिंग है उसको उसी पेन से अंडरलाइन कर दीजिए, जहाँ पर कोई मुख्य बिंदु है उसको उसी पेन का प्रयोग कर के दर्शा दीजिए |

याद रखिये लिखने में सुंदरता सही प्रकार से हाशिया, लाइन में दूरी तथा कम से कम काटा-पीटी करने से आती है ना कि रंगों के प्रयोग से, तो अपने ऊपर तथा अध्यापक के ऊपर मेहरबानी कीजिये और व्यर्थ में अलग अलग पेन का प्रयोग करने से बचिए, इससे आपको अपने सवालों को हल करने में ज्यादा वक्त मिलेगा |

मुख्य बिंदु:

  1. एक ही रंग के पेन (नीला) का प्रयोग करें,
  2. हेडिंग तथा मुख्य बिंदुओं को उसी रंग के पेन से अंडरलाइन (रेखांकित) कर दें,
  3. उचित हाशिए तथा लाइनों के बीच में उचित दूरी का प्रयोग करें,
  4. कम से कम काटा पीटी का प्रयोग करें, यदि काटना ही है तो सिर्फ एक तिरछी लाइन के द्वारा काटें,
  5. ऐसा पेन प्रयोग में ना लाएं जो ज्यादा स्याही ना छोड़ता हो,
  6. आमतौर पर बोर्ड में कॉपी की क्वालिटी अच्छी नहीं होती इसलिए जैल पेन तथा स्याही बाले पेनों के प्रयोग से बचें |

आप सभी को पेपर के लिए शुभकामनाएं :)

योगेन्द्र पाल 

यह लेख एक सीरीज की दूसरी कड़ी है पहली कड़ी आप यहाँ पढ़ सकते हैं 

2 टिप्‍पणियां: