tag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post2692067267345913930..comments2023-10-16T08:06:35.752-07:00Comments on मेरे विचार: खाना कौन बनाये? महिलाओ की राय चाहूँगाDr. Yogendra Palhttp://www.blogger.com/profile/15028175080069734310noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-86530444792503911532012-01-28T04:57:35.902-08:002012-01-28T04:57:35.902-08:00Alpana ji se sahmat...
Jab khana sabhi khate hain ...Alpana ji se sahmat...<br />Jab khana sabhi khate hain to banane mein Bakheda hona hi nahi chahiye..<br />Aapas mein yadi understanding n ho to phir yah tera kaam, yah mera kaam hai aise tamam baaten samne to aati hi hain, isliye apna kaam samjhkar kam se apne ghar mein sabhi kaam karne se gurej nahi hona chahiye..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-66049047468621464922011-12-05T00:46:06.480-08:002011-12-05T00:46:06.480-08:00भेदभाव कहाँ नहीं होता, हमारे समाज में तो होता आया ...भेदभाव कहाँ नहीं होता, हमारे समाज में तो होता आया है, कोई बराबरी की बात नहीं चाहता है।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-76447187317514736402011-07-25T02:40:28.573-07:002011-07-25T02:40:28.573-07:00रेखा जी ने बहुत ही अच्छी बात कही है..मैं सहमत हूँ ...रेखा जी ने बहुत ही अच्छी बात कही है..मैं सहमत हूँ उनसे..समय सिखा देता है.<br /><br />बाकि मैं इन तीन परिस्थितियों से भी सहमत हूँ-<br />1. पति कमाए तथा पत्नी घर चलाने की जिम्मेदारी संभाले<br />2. पत्नी कमाए तथा पति घर चलाने की जिम्मेदारी संभाले<br />3. दोनों कमाएँ तथा दोनों ही घर की जिम्मेदारी भी संभालें<br />ये शर्तें नहीं हैं ये स्थितियाँ समझदारी की है.<br />घर -बाहर की जिम्मेदारियां एक साथ संभालना आसान नहीं होता.<br />अक्सर मैं ने तो यही देखा है कि पत्नी बाहर और घर दोनों की जिम्मेदारी संभालती है ..पुरुष घर-बच्चों के स्कूल/होमवर्क आदि की जिम्मेदारियां सँभालने में पीछे रहते हैं,चाहे पत्नी जॉब करती हो या नहीं .<br />कपड़ों की बात सही कही है आज कल की लड़कियाँ साड़ी पहनना पसंद नहीं करती ..झंझट है न !Alpana Vermahttps://www.blogger.com/profile/08360043006024019346noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-26082723854071130452011-07-23T22:31:57.070-07:002011-07-23T22:31:57.070-07:00सुनीता जी की बात से मैं भी पूर्णतः सहमत हूँ।
पर...सुनीता जी की बात से मैं भी पूर्णतः सहमत हूँ। <br /><br />परिस्थितियों पर निर्भर करता है खाना कौन बनाए। इस उम्र मे भी मेरे माता पिता खाना बनाने और अन्य कामों मे एक दूसरे की मदद करते हैं। <br />थोड़ा बहुत काम चलाऊ मैं भी बना लेता हूँ।Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-7402093545965017922011-07-21T05:50:14.252-07:002011-07-21T05:50:14.252-07:00माफ कीजिए मेरा चार साल का अनुभव मुझसे कुछ ज्य...माफ कीजिए मेरा चार साल का अनुभव मुझसे कुछ ज्यादा ही लिखा गयारेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-38380923577734542092011-07-21T05:45:32.507-07:002011-07-21T05:45:32.507-07:00एक प्यारा सा बंधन किसी से भी कुछ भी करा सकता है .....एक प्यारा सा बंधन किसी से भी कुछ भी करा सकता है ...फिर सारे नियम और शर्तें हवा हो जातीं हैं शादी के बाद आप भी शायद वो सब करना शुरू कर दें जो अभी किसी भी हाल में नहीं करते हैं और जिन लड़कियों से आप मिले थे उनकी अक्ल भी बाद में ठिकाने आ जाएँगे क्योंकि शादी को शर्तों पे निभाना मुश्किल है खैर .आप चिंता मत कीजिए आपकी होनेवाली पत्नी आपके लिए वो सब करेगी जो आप चाहतें हैं क्योंकि आप उन्हें प्रेम जो इतना देंगे ............गुड लकरेखाhttps://www.blogger.com/profile/14478066438617658073noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-2857021499969881972011-07-21T02:44:22.459-07:002011-07-21T02:44:22.459-07:00आपके विचार से सहमत हूँ | आपात स्थितियों में नियम श...आपके विचार से सहमत हूँ | आपात स्थितियों में नियम शिथिल होंगे....सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-41924462774641328152011-07-20T05:03:38.347-07:002011-07-20T05:03:38.347-07:00हहहह कितने दिन हुए योगेंद्र जी कोई टिप्पणी देने नह...हहहह कितने दिन हुए योगेंद्र जी कोई टिप्पणी देने नही आया...:) मुझे नही लगता कोई भी लड़की या लड़का खाना बनाना चाहते है आजकल।सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-82542353598726206942011-07-15T00:18:21.955-07:002011-07-15T00:18:21.955-07:00@rachna ji: आपके विचार मैंने नारी ब्लॉग पर पढ़े हैं...@rachna ji: आपके विचार मैंने नारी ब्लॉग पर पढ़े हैं, और आपने भी मेरे कमेन्ट में पढ़े ही होंगे|<br /><br />नीतू बांगा जी की पोस्ट से मैं सहमत हूँ पर उनके कमेन्ट में दिए गए उत्तरों से नहीं साथ ही उनके ब्लॉग के नाम "उफ़- ये इन्डियन" से भी मुझे घोर आपत्ति है<br /><br />@सुनीता जी: बहुत बहुत धन्यवाद जो आपने अपने विचारों को इतने बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया, मैं आपकी हर बात से सहमत हूँ और इसके नमूने मैंने दिल्ली तथा मुम्बई में बहुत देखे हैं|<br /><br />मैं महिलाओं के बराबर के हक पाने की हिमायत करता हूँ, मेरे घर में मेरी बहने भी वही शिक्षा प्राप्त कर रहीं हैं जो मैंने की है (कई मामलों में उनको मुझसे ज्यादा सहूलियत हैं) पर यदि महिलाएं बराबरी के हक पाने के नाम पर अपने कर्तव्यों से मुंह मोड लें तो? फिर मैं समर्थन नहीं कर सकता|<br /><br />और शादी के लिए लड़कियों से की गयी बातों से मैं इस नतीजे से पहुंचा हूँ कि लड़कियां खुद को नए जमाने की युवती दिखाने के चक्कर में अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार रहीं हैं| <br /><br />जहाँ लड़के ये समझते हैं कि वो शादी के बाद एक जिम्मेदारी से बंध जायेंगे, वहीँ लड़कियां यह सोचती हैं कि शादी के बाद हम सभी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जायेंगे-<br /><br />"कभी गांव नहीं जाऊंगी", "मैं साड़ी नहीं पहन सकती", "मैं खाना नहीं बना सकती", "कमाने के लिए ऑटो के धक्के खाने पड़ते हैं" ये सभी बहाने इसका सबूत है कि वो शादी के बाद एक नौकर ढूंढ रहीं हैं जो कमाए भी घर का काम भी करे और वो सिर्फ मेट्रो में रहें, ब्रांडेड कपडे पहनें इत्यादि|<br /><br />मेरे अनुभव बहुत ही निराश करने वाले रहे हैं, और यह नीतू बांगा जी ने अपने कमेन्ट में स्पष्ट भी कर दियाDr. Yogendra Palhttps://www.blogger.com/profile/15028175080069734310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-10041271125484687522011-07-14T11:25:28.879-07:002011-07-14T11:25:28.879-07:00ओह्ह सॉरी पता ही नही चला इतनी बड़ी टिप्प्णी बन जाये...ओह्ह सॉरी पता ही नही चला इतनी बड़ी टिप्प्णी बन जायेगी। अब आपने विषय ही ऎसा दिया मेरी गलती भी क्या है...:)सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-54118192694295377722011-07-14T11:24:10.378-07:002011-07-14T11:24:10.378-07:00योगेंद्र पाल जी, मुझे लगता है आपने नीतू बागा को सह...योगेंद्र पाल जी, मुझे लगता है आपने नीतू बागा को सही से नही पढ़ा था और न ही उसने आपको पढ़ा है। दोनो ही अपनी-अपनी जगह सही हैं।<br />नीतू बागा का कहना सही है कि लड़कों को भी घर के सभी काम खाना बनाना,कपडे धोना वगैरह करने चाहिये तो मेरा भी यही कहना है कि किसी भी काम में कोई बुराई नही है, ऎसा कोई काम न हो जिसके लिये हमे दूसरे पर निर्भर रहना पड़े। और जिस घर में लड़कियां न हो बस लड़के ही हों और उनकी शादी भी न हो पाये तो क्या माँ बेचारी हमेशा एक ही काम करती रहेगी? क्या आदमी की तरह औरत को एक दिन का आराम नही मिलना चाहिये? क्या औरत सिर्फ़ एक मशीन ही है जो सात दिन लगातार घर के सारे कामों में खटती रहे?<br />आपने लिखा अगर पत्नी कमाती कमाती है तो पति घर का काम करे और पति कमाये तो पत्नी घर का काम करे। तो इसमे कोई बुराई नही है। जब दोनो कमाये तो दोनो मिलजुल कर काम करें। यह भी बहुत अच्छा है।<br />अब एक टिप्पणी ऎसी है की काम भी नही करेंगे और कमायेंगे भी नही...तो यह आ जाती है जिद वाली बात पति-पत्नी के बीच आपसी प्यार और समझौते का रिश्ता तो हो सकता है मगर जिद वाली बात नही चलती। गाड़ी का एक पहियां चलता हो दूसरा अटक जाये तो गाड़ी चलेगी ही नही। <br />आज के बदलते परिवेश को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि हम अपने लड़के और लड़कियों को बराबर की तालीम दें। अगर लड़कियों को पढ़ा-लिखा कर कमाने के काबिल बनाया जा सकता है तो लड़कों को भी घर का हर काम अवश्य सिखाना चाहिये। ताकि उन्हे अपने खुद के कामों के लिये दूसरे का मुह नही ताकना पड़े। हम शुरू से यह समझ लेते हैं कि लड़कों को घर का काम करने की जरूरत नही पड़ती, किन्तु आज ऎसा नही है बढ़ती महंगाई में सब कमाने वाली बहू से शादी कर लेते हैं और जब यह उम्मीद करते है कि वो घर के काम भी करेगी। क्या वो इन्सान नही है? बाहर काम करके आने के बाद वह भी थक जाती होगी। <br />अब एक किस्सा पड़ौस वाले हसेजा का सुनिये अक्सर मै उन्हे छत पर पत्नी के कपड़े सुखाते हुए देखती हूँ वो मुस्कुराते हैं और कहते है धूप से उसको एलर्जी है सुनीता जी। एक रोज घर चली गई तो बर्तन मांजते पकड़े गये। श्रीमति जी सोफ़े पर टी वी देखने में मगन। एक दिन बाहर मिले श्रीमान दो झोले हाथ में लटकाये झोले जैसी शर्ट, पैंट निकली-निकली सी बिना प्रेस वाली। और आगे-आगे मेमसाहब चेहरे पर लिपिस्टिक लगाये, पर्स लटकाये हाथ में कुत्ता उठाये। उन्हे देखते ही मैने कहा देखिये ये होते हैं अच्छे पति। सुनते ही श्रीमान बोले मुझे इतना अच्छा पति नही बनना। किन्तु क्या आप पसंद करेंगी इतना अच्छा पति? मुझे नही लगता अगर ऎसा रूप आजकल की लड़कियों को पति का चाहिये तो उन्हे पति नही बस नौकर ही चाहिये जो हाँ में हाँ मिलाता रहे। <br />खैर यह चर्चा का विषय नही है।<br />घर के काम को बोझ नही जिम्मेदारी समझने पर ही घर सही ढंग से चल सकता है।<br />मेरे भी दो बेटे है जिन्हे मैने घर का हर काम सिखाया है। पढ़ाई में भी दोनो अव्वल हैं। जब कभी मै बीमार हो जाती हूँ मेरे दोनो बेटे मिल कर इतना स्वादिष्ट खाना बनाते हैं कि मेरी आँखें नम हो जाती है मुझे बेटी की कमी महसूस ही नही होती। संडे को जब मै थक जाती हूँ मेरे पति एक चाय का प्याला भी अपने हाथ से पिला देते हैं तो समझों सारी थकान दूर हो जाती है। यह होता है प्यार, अपना-पन जो जबरदस्ती हासिल नही किया जा सकता। समझ-समझ का फ़र्क है बस जो न समझे वो ना समझ है भाई।<br />किसी को ठेस लगी हो तो माफ़ी चाहती हूँ जो अच्छा लगा वही लिख दिया।सुनीता शानूhttps://www.blogger.com/profile/11804088581552763781noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-82379909927500024392011-07-14T00:23:09.218-07:002011-07-14T00:23:09.218-07:00my comment is not related to the issue raised by n...my comment is not related to the issue raised by neetu which is multi dimensional but still not acceptableरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-46809391186855323902011-07-14T00:09:49.309-07:002011-07-14T00:09:49.309-07:00http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2006/10/woh-...http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/2006/10/woh-cheekh-cheekh-kar-khati-hae-mae.htmlरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-38703158762898498732011-07-14T00:04:28.860-07:002011-07-14T00:04:28.860-07:00the basic thing is that woman were always given a...the basic thing is that woman were always given a "second " treatment <br />by one and all and then they got education which made them understand that marriage does not mean giving up <br /><br />marriage for many is just social security so that they can live their life as they want<br /><br />i have always felt about married woman<br />they never tell before their marriage about what they want<br /><br />all educated single woman from 1980s onwards had full opportunity to discuss with their parents but they want a comfort zone called marriage to be secured so they never discuss / fight with parents<br /><br />on the contrary they come into a new family and fight and assert their right now after 20 years<br />still the situation is same<br /><br />i am pro woman rights but i am against conivence { chalaki } of any kind<br /><br />the only difference that time has brought is that now married girls don't bother about displeasing husband because they know the most guys are trying to save their maairageरचनाhttps://www.blogger.com/profile/03821156352572929481noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-75745190195685205792011-07-13T18:07:23.639-07:002011-07-13T18:07:23.639-07:00शादी शर्तो पर नही होती!
कोई भी नियम हर परिस्थितियो...शादी शर्तो पर नही होती!<br />कोई भी नियम हर परिस्थितियों पर लागु नही होता, कुछ परिस्थितियों मे नियमो मे लचिलापन चाहीये होता है।<br /><br />मेरे घर मे सोमवार से शुक्रवार निवेदिता खाना बनाती है। शनिवार को मै बनाता हूं! रविवार को दोनो मिलकर बनाते है क्योंकि पूरे दिन आवारागर्दि की जाती है!Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-15287881231156079162011-07-13T08:18:50.367-07:002011-07-13T08:18:50.367-07:00बात जहां जैसे बन जाए। बाकी तो सब परिस्थितियों पर न...बात जहां जैसे बन जाए। बाकी तो सब परिस्थितियों पर निर्भर रहता है। फिर भी सामंजस्य बहुत जरूरी है। इसमें जिद नहीं होनी चाहिए। सफल सुखी विवाहित जीवन के लिए यह बहुत आवश्यक है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-2031596357743878042011-07-13T05:26:57.631-07:002011-07-13T05:26:57.631-07:00dcgpth@gmail.com
mail pleasedcgpth@gmail.com<br />mail pleaseरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-90477552677272216512011-07-13T02:36:44.307-07:002011-07-13T02:36:44.307-07:00koi nai tippani nahin |koi nai tippani nahin |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-20341080926927221812011-07-13T01:40:18.863-07:002011-07-13T01:40:18.863-07:00मैं इन तीन परिस्थितियों में सहमत हूँ-
1. पति कम...मैं इन तीन परिस्थितियों में सहमत हूँ-<br /> 1. पति कमाए तथा पत्नी घर चलाने की जिम्मेदारी संभाले<br /> 2. पत्नी कमाए तथा पति घर चलाने की जिम्मेदारी संभाले<br /> 3. दोनों कमाएँ तथा दोनों ही घर की जिम्मेदारी भी संभालें<br />महिलाओं की टिप्पणी ही <br />अधिक महत्त्वपूर्ण है इस विषय पर ||<br />दुबारा आता हूँ टिप्पणियां पढने |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-36773562547629598162011-07-13T01:05:21.155-07:002011-07-13T01:05:21.155-07:00योगेन्द्र जी, कई बार हम जीवन में कुछ सिद्दांत लेकर...योगेन्द्र जी, कई बार हम जीवन में कुछ सिद्दांत लेकर चलते हैं, पर वे फलीभूत ही हों, जरुरी नहीं. दांपत्य-जीवन आपसी विश्वास और प्यार पर चलता है. खाना बनाना और न बनाना तो एक छोटा सा मुद्दा है. अगर जिंदगी में बनेगी और निभेगी तो सब कुछ संभव है, नहीं तो सरे सिद्धांत थोथे हो जाते हैं. <br /><br />____________________<br />शब्द-शिखर : 250 पोस्ट, 200 फालोवर्सAkanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-425096810959711712011-07-13T00:41:50.212-07:002011-07-13T00:41:50.212-07:00@अंकित जी: इस गंभीर मामले पर मजाक नहीं चाहता|@अंकित जी: इस गंभीर मामले पर मजाक नहीं चाहता|Dr. Yogendra Palhttps://www.blogger.com/profile/15028175080069734310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8334450375335211075.post-91237723224297246272011-07-13T00:36:31.775-07:002011-07-13T00:36:31.775-07:00vaise tameej ka khana to ladake hi bana paate hain...vaise tameej ka khana to ladake hi bana paate hainअंकित कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/02401207097587117827noreply@blogger.com