मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

विद्यार्थियों के लिए (३) : परीक्षा में समय प्रबंधन

प्रिय विद्यार्थी,

मुझे उम्मीद है कि आपकी तैयारी जोरों से चल रही होगी पर क्या आपने परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन के लिए कोई योजना तैयार की है? नहीं तो यही समय है मैं आपको बताता हूँ कि मैं कैसे अपनी योजना तैयार करता हूँ

मेरा तरीका बहुत आसान है, बहुत सीधा सा हिसाब है |

परीक्षा में कितने घंटे मिलते हैं?
३ घंटे यानी १८० मिनट इसमें से १० मिनट घटा देता हूँ, अपने लिखे हुए उत्तरों को देखने के लिए कि मैंने कहीं गलती तो नहीं की, याद रखिये ये बहुत जरूरी है क्यूंकि कई बार गलत उत्तर नंबर डाल देते हैं जिससे उत्तर सही होते हुए भी नंबर नहीं मिलते |

अब बचे १७० मिनट, पेपर कितने नंबर का होता है?
मान लिया कि पेपर १०० नंबर का है जिसे हल करने के लिए हमारे पास १७० मिनट हैं, तो १ नंबर को कितने मिनट दिए जायें ? जाहिर है १ मिनट ४२ सेकण्ड |

तो हमने निश्चित कर लिया कि हम एक नंबर के प्रश्न को १ मिनट ४२ सेकण्ड देंगे तो इसी आधार पर सभी तरह के प्रश्नों के लिए एक समय नियत कर लीजिए जैसे

१ नंबर के प्रश्न को : १ मिनट ४२ सेकण्ड
३ नंबर के प्रश्न को : ५ मिनट १ सेकण्ड
५ नंबर के प्रश्न को : ८ मिनट ५ सेकण्ड
८ नंबर के प्रश्न को :  १३ मिनट ६ सेकण्ड
१० नंबर के प्रश्न को : १७ मिनट

आपने देखा कितने ज्यादा समय मिल रहा है हमें प्रश्नों को हल करने का, क्या आपने इससे पहले कभी सोचा था कि आपको कितना ज्यादा समय मिलता है? नहीं ना क्यूंकि आप सिर्फ पढ़ने पर ध्यान देते हैं, प्लानिंग को भी समय देना चाहिए |

सिर्फ इतनी प्लानिंग से काम नहीं होने वाला, और भी प्लान करना होगा |

क्या करें ?

  1. प्रश्न पत्र मिलते ही सबसे पहले एक नजर सभी प्रश्नों पर डालिए और उन सभी प्रश्नों को टिक कर लीजिए जो आपको बहुत अच्छे से आते हैं, ( याद रखिये कि टिक बहुत ही मामूली होना चाहिए, बहुत बड़ा टिक मत लगाइए क्यूंकि प्रश्न पत्र पर अपने रोल नं. के अलावा कुछ भी लिखना मना होता है ),
  2. अब सबसे पहले इन टिक किये हुए प्रश्नों को हल करना ही शुरू कीजिये वो भी आपके द्वारा तय किये गए समय के हिसाब से 
  3. कुछ सवाल के अंदर कई पार्ट होते हैं, तो उस सवाल के हर पार्ट को भी आप एक अलग सवाल मान कर चलें और उनको उसी के हिसाब से समय दें,
  4. कुछ सवाल ऐसे भी होते हैं जिनको आपको इतना समय नहीं देना होगा जैसे कि १ नंबर वाले सही/गलत तथा रिक्त स्थान वाले प्रश्न, तो इनको हल करने में आपको १ मिनट ४२ सेकण्ड का समय नहीं लगने वाला मुश्किल से १० सेकण्ड ही लगेंगे, तो इसमें से बचने वाले समय को आप बाकी प्रश्नों को दे सकते हैं,
  5. घड़ी लेकर बैठें और यदि एक प्रश्न को लिखते समय उसके लिए नियत किया गया समय खत्म हो गया है तो संभावित जगह छोड़ कर आगे के प्रश्न को लिखना शुरू करें, और अंत में उस प्रश्न को पूरा करें, वैसे बेहतर यही होगा कि सबसे पहले उन प्रश्नों को हल करें जिनके उत्तर जल्दी खत्म हो जाएँ जैसे कि हिन्दी के पेपर में निबंध को सबसे आखिर में लिखें |


यह विद्यार्थियों के लिए लिखी जा रही सीरीज की तीसरी कड़ी है, पहले के दोनों लेख आप यहाँ पढ़ सकते हैं-
पहली कड़ी : विद्यार्थियों के लिए: आपकी खुशकिस्मत, सोच और आत्महत्या
दूसरी कड़ी : विद्यार्थियों के लिए (२): परीक्षा में पेनों के रंग का प्रयोग


योगेन्द्र पाल

16 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन और आवश्यक लेख लिखा है काश विद्यार्थी इसे पढ़ें.... यकीनन फायदा होगा !
    लीक से हटे लेखों का अपना महत्व होता है, परिश्रम के साथ लिखे गए इस प्रकार के लेख और सुझाव, समय के दस्तावेज हैं ! टिप्पणिया कम होने अथवा न होने से इनका महत्व कम नहीं होता !
    आपके लिए शुभकामनायें !

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  2. योगेन्‍द्र भाई, बहुत ही महत्‍वपूर्ण श्रृंखला लिख रहे हैं आप। बधाई स्‍वीकारें।

    ---------
    ब्‍लॉगवाणी: ब्‍लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।

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  3. बेहतरीन और आवश्यक लेख लिखा है

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  4. बहुत ही महत्‍वपूर्ण श्रृंखला लिख रहे हैं आप। धन्यवाद|

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  5. great dost yahi vo trika hai jisse ham samaj me ek behtar yogdan de sakte hain dur jane ki to koi jrurat hi nahi great
    keep it up :)

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  6. सबके लिए सहजने योग्य जानकारी है आपकी इस पोस्ट में ..आपका आभार

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  7. बहुत अच्छी सलाह है विद्यार्थियों के लिए।

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  8. प्रिय योगेन्द्र पाल जी
    रंगों भरा अभिवादन !

    दुबारा आया हूं आपके यहां …
    अच्छी तरक़्क़ी है आपकी ब्लॉगिंग में
    हार्दिक बधाई !

    समय मिले तो कभी आइएगा …


    ♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥

    होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
    मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!


    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  9. छात्र कई प्रश्नों के उत्तर जान रहे होते हैं मगर समय के असंतुलन के कारण अंतिम क्षणों में हड़बड़ी के शिकार हो जाते हैं। बहुत उपयोगी।

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  10. yopgendr ji aapke apne saarthk vichar ke liyen bhdhaai bhaai mene mujhe tippni dene ke liyen nhin khaa mene tippni dene ke liyen nhin likhaa likhnaa vichar denaa or hindi english men type krnaa yeh opretron kaa kaam he lekhkon kaa kaam lekhn kaa he vese bhi koi kisi ki tippni kaa mohtaaj nhin hotaa lekin fir bhi aapke sujhaav kaa me smaan krtaa hun bdhaai ho or mere is lekh se aap ko niji tor pr sochnaa pdhaa niji tklif phunchi iske liyen men maafi chaahtaa hun . akhtark khan akela kota rajsthan

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  11. बहुत ही ज्ञानवर्धक पोस्ट... एसीई बातों की बहुत जरूरत होती है परीक्षा के वक़्त... आभार...

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  12. जाट देवता की राम-राम,
    लगे रहो, पढने वालों के लिए फ़ायदेमंद है।

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  13. बहुत काम की जानकारी दी है आपने।
    ट्यूटोरियल खत्म हुआ। अब प्रयोग करने जा रहा हूं।

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  14. @मनोज जी,

    आपकी टिप्पणी समझ में नहीं आयी, क्या आप पेपर देने जा रहे हैं?

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